धन प्रबंधन का गोल्डन नियम – 20-30-50 नियम

इस ब्लॉग को पढ़ने से पहले, “अपने वित्त लक्ष्य(Financial goal) की निर्धारण कैसे करें”  पढ़ें।


तो मुझे आशा है की आप सब अपने अपने वित्त लक्ष्य(Financial goal) कर दिए होंगे।


तो अभी चलिए वित्तीय स्वतंत्रता(Financial Freedom) को हासिल करने का दूसरे उपाय को जानते है, जो है धन प्रबंधन(Money Management)।


तो चलिए, शुरू करते हैं।

 

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सूची
1. निर्धारित वित्त लक्ष्य(Financial Goal) का सारांश
2. धन प्रबंधन(Money Management) क्या है?
3. क्या है 20-30-50 नियम
4. क्या यह नियम सभी के लिए काम करता है???
5. इस पर मेरी राय

 

1. निर्धारित वित्त लक्ष्य(Financial Goal) का सारांश।
वित्त लक्ष्य(Financial Goal) निर्धारित करना वित्तीय स्वतंत्रता(Financial Indipendent) को हासिल करने और वित्त समस्याओं(Financial Problem) को हल करने का पहला कदम है।

 

हम सभी अपने दैनिक जीवन के लक्ष्य और वित्त लक्ष्य(Financial Goal) को भी निर्धारित करते हैं। लेकिन हम इस से एक प्रक्रिया को अपनाते नहीं हैं, इसलिए हमें हमेशा वित्त की समस्या(Financial Problem) का सामना करना पड़ता है। पर् हम हमारे लाइफ में ये 3 प्रकार से वित्त लक्ष्य को निर्धारित करेगें तो हमें कभी भी वित्त की समस्या(Financial Problem) को सामना करना नही पड़ेगा।


ये है वो 3 प्रकार जिससे हम अपने वित्त लक्ष्य(Financial Goal) को निर्धारित कर सकते हैं।
1. अति अल्पकालिक लक्ष्य– 2-3 महीने के लिए लक्ष्य
2.
अल्पावधि लक्ष्य – 1-5 साल के लिए लक्ष्य
3.
दीर्घकालिक लक्ष्य – 5 से 10 वर्ष या इससे भी अधिक सालों के लिए लक्ष्य

 

2. धन प्रबंधन(Money Management) क्या है?
धन प्रबंधन(Money Management) से तात्पर्य है कि, आप अपने सभी वित्त को कैसे संभालते हैं, बजट बनाने से लेकर निवेश तक, बचत से लेकर और लक्ष्य निर्धारित करने तक।

 

सरल अर्थ में,


धन प्रबंधन(Money Management) का अर्थ है अपने वित्त लक्ष्यों(Financial Goal) के अनुसार अपने धन का प्रबंधन(Money Management) करना।

 

धन प्रबंधन(Money Management)वित्त स्वतंत्रता(Financial independent) को हासिल करने और हमारी वित्त समस्या(Financial Problem)को हल करने का दूसरा चरण है।


उदाहरण-:

अविनाश एक कंपनी में काम कर रहा है। महीने ख़त्म होने के बाद उसे वेतन मिलता है. वेतन प्राप्त करने के बाद, वह अपने निर्धारित वित्त लक्ष्यों के अनुसार अपना पैसा रखता है।


तो, मुझे लगता है कि आप समझ सकते हैं कि धन प्रबंधन(Money Management) क्या है लेकिन इसके बाद माथा घूमना शुरू हो जाएगा।

 

लेकिन क्यों,

 

क्योंकि हम यह तो जानते हैं कि हम अपने लक्ष्य के अनुसार अपने पैसे का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं, लेकिन हम यह नहीं जानते कि हम अपने किस लक्ष्य को कितना पैसा दें?

 

तो यहाँ हम सभी के लिए उत्कृष्ट नियम है।

 

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3. क्या है 20-30-50 नियम?
उसी उदाहरण से प्रारंभ करें,
अविनाश एक कंपनी में काम करता है। महीने ख़त्म होने के बाद उसे वेतन मिलता है. वेतन मिलने के बाद वह अपने निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार अपना पैसा रखता हैं लेकिन उसे यह समझ नहीं आता कि वह किस लक्ष्य के लिए कितना पैसा रखें।

अविनाश ने सोचा

उसका अतिअल्पकालिक लक्ष्य उसकी आवश्यकता (Need) अर्थात् जीवनयापन के लिए दैनिक व्यय है।
उसका अल्पकालिक लक्ष्य उसकी इच्छा(Want) है।
उनका दीर्घकालिक लक्ष्य उनका निवेश(Investment) है।

तो इस तरह हम अपना पैसा अपनी ज़रूरतों, चाहतों और निवेश के अनुसार रख सकते हैं।


हमारी 100% सैलरी में 20% निवेश (Investment) के लिए, 30% जरूरतों(Want)  के लिए, 50% जरूरत(Need) के लिए रखते हैं।

 

उदाहरण के स्वरूप,
अविनाश की सैलरी 20000/माह है।
20%
निवेश (Investment) के लिए रखा मतलब 20000 का 20% = 4000/-
30%
जरूरत(Want) के लिए रखा मतलब 20000 का 30% = 6000/-
50%
जरूरत(Need) के लिए रखा मतलब 20000 का 50% = 10000/-

 

जो पैसा हम निवेश के लिए 20% और 30% हैं, उस पैसे को हम नही छुएंगे, अगर कोई जरूरी काम न हो।
जो पैसा हम जरूरत के लिए रखते हैं उसमें सिर्फ खर्च ही होता है।

तो हम अप्रत्यक्ष रूप से अपने भविष्य के लिए 10000 रुपये बचा रहे हैं। और अब हम जानते हैं कि हमारे पास कितना पैसा है और हम उस पैसे से कितना खर्च करते हैं।
यदि हम ऐसा ही करते रहें तो वित्त संबंधी समस्या नहीं आएगी और धीरे-धीरे हम अपनी वित्तीय स्वतंत्रता को संग्रहित कर सकते हैं।

 

4. क्या यह नियम सभी के लिए काम करता है???
नहीं


20-30-50 नियम केवल शुरुआती लोगों के लिए है यानी जिन्होंने हाल ही में अपनी कमाई शुरू की है। जब हमें काम में अनुभव मिलता है तो हमारी कमाई भी बढ़ती है। तो ये 20-30-50 का नियम भी बदल जाएगा।


हम अपने निवेश वाले हिस्से को बढ़ा सकते हैं और अपने जरूरत वाले हिस्से(30%) को बढ़ा सकते हैं और अपनी जरूरत वाले हिस्से(50%) को घटा सकते हैं।


लेकिन ऐसा क्यों,

हमारी कमाई बढ़ती है लेकिन इसके बीच हमारे दैनिक खर्चों की दर उस दर से नहीं बढ़ती है।


जैसे-: अगर आज टमाटर का रेट 30 रुपये प्रति किलो है, तो 2 से 3 साल बाद यह केवल 5 रुपये प्रति किलो या वही 30 रुपये प्रति किलो ही रहता है।

 

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5. इस पर मेरी राय।

यह युग राय का युग है, सभी स्वतंत्र रूप से अपनी राय साझा कर सकते हैं। तो इस धन प्रबंधन नियम 20-30-50 नियम पर मेरी राय शुरुआती लोगों के लिए सबसे अच्छा वित्त नियम है। मैं भी इस नियम का पालन कर रहा हूं क्योंकि अब मैं भी एक नौसिखिया हूं। लेकिन आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने के लिए एक बात लगातार इस नियम का पालन करता आ रहा हूं। अगर कोई इस नियम को बीच में छोड़ देता है तो वह आर्थिक स्वतंत्रता हासिल नहीं कर सकता है।

 

क्या किसी को यह धन प्रबंधन नियम पहले से पता था, मुझे कॉमेंट करें। इस ब्लॉग पर अपनी राय मुझे भी कमेंट सेक्शन में कमेंट करें।

13 thoughts on “धन प्रबंधन का गोल्डन नियम – 20-30-50 नियम”

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