हमारी खूबसूरत पृथ्वी, जहाँ पर 97% पानी और केवल 3% भूमि हैं। इस 97% पानी में से केवल 1% पानी ही पीने केलिए लायक जैसा पानी है, जिसे हम अपने दैनिक जीवन में उपयोग कर सकते हैं और बचा हुआ पानी खारा है। ये सभी जलराशि हमारे ये पृथ्वी को एक रहने योग्य ग्रह बनाता है। लेकिन आजकल ये जलराशी हमारे लिए खतरनाक साबित हो रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का कहना है कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 1993 के बाद समुद्र का स्तर दोगुना बढ़ रहा है, जो तटीय क्षेत्र के देशों के लिए बहुत खतरनाक है।
सूची -:
१. WMO के बारे में
२. WMO सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में
३. इस प्रकार की स्थिति क्यों उत्पन्न हो रहा है?
४. इस स्थिति पर कैसे काबू पाया जा सकता है?
५. क्या यह स्थिति नियंत्रण योग्य है!!!!
१. डब्ल्यूएमओ के बारे में -:
WMO (विश्व मौसम विज्ञान संगठन), संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। मौसम, वैश्विक जलवायु और जल संसाधनों के बारे में WMO का पूर्वानुमान करता है। WMO का वर्तमान मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है। इसकी स्थापना 23 मार्च 1950 को हुई थी, इसीलिए हर साल 23 मार्च को हम विश्व मौसम विज्ञान दिवस के रूप में मनाते हैं। अब WMO के 193 सदस्य राज्य और क्षेत्र हैं और वे एक दूसरे के साथ सभी प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं।
२. WMO सर्वेक्षण रिपोर्ट के बारे में -:
15 फरवरी 2023 को WMO ने एक सर्वेक्षण रिपोर्ट घोषित की, जिसमें उन्होंने समुद्र के स्तर में वृद्धि के बारे में बताया। तो संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को पढ़ने के बाद कहा कि यह हर तटीय क्षेत्र के देशों के लिए बहुत गंभीर स्थिति है क्योंकि वर्ष 1993 के बाद समुद्र का स्तर दोगुनी गति से बढ़ रही है। जिसके वजह से भारत, बांग्लादेश, चीन, न्यूयॉर्क, नीदरलैंड, अर्जेंटीना जैसे देश और अन्य तटीय क्षेत्र के देश का हालत बत्तर से बत्तर हो सकता है।
भारत सागर में पत्तियां 7 मिमी तक बढ़ा हैं। भारत में कई राज्य हाई अलर्ट पर हैं। उस राज्य के बीच में एक और राज्य है ओडिशा. ओडिशा में पुरी, जगतसिंहपुर, भद्रक, बालेश्वर, गंजाम जैसे जिले हाई अलर्ट पर हैं। पारादीप-पुरी के समुद्र का स्तर 5 मिमी और भद्रक-बालेश्वर के समुद्र का स्तर 3 मिमी तक बढ़ गया है। ऐसा होने का मतलब है कि वर्ष 2050 तक यह पूरा तटीय क्षेत्र जल स्तर के अंदर जा सकता है।
३. इस प्रकार की स्थिति क्यों उत्पन्न हो रहा है?
पृथ्वी, जहाँ पानी तरल अवस्था में केवल 1% तथा हिमखंड यानी कठिन अवस्था में 2% तक पाया जाता है। जलवायु में परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण यह हिमखंड पिघलकर समुद्र के पानी में मिलने लगता है। जिसके कारण समुद्र का स्तर बढ़ने लगता है और हर साल तापमान में अहेतुक वृद्धि के कारण हिमखंड पहले की तुलना में बहत तेज़ी से पिघल रहे हैं।
लेकिन ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा हे?
इस स्थिति के लिए हम इंसान ही जिम्मेदार हैं.
आख़िर कैसे????
पृथ्वी पर केवल 31% भूमि जंगल से घिरा हुआ हैं। जंगल ही ऐसी चीज़ है जो मौसम को नियंत्रित कर सकती है। लेकिन इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए, जंगल को जला रहे हैं, पेड़ काट रहे हैं और ऐसा करने के बाद हम पेड़ नहीं लगा रहे हैं, इसलिए पेड़ कम हो जा रहा है, जिसके कारण जंगल का प्रतिशत भी घट रहा है। अतः हमारे पृथ्वी मै जंगल की मात्रा इतना कम हो गया है की जिसके कारण जलवायु को स्थिर रखना नामुकिन सा हो गया है।
इस प्रकार की स्थिति पहले ही शुरू हो चुकी है और हम सभी तापमान वृद्धि की इस स्थिति का सामना कर रहे हैं। वर्ष 2022 में गर्मी के मौसम में तापमान 130 साल के तापमान रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और पहले से ही IMD (भारतीय मौसम विज्ञान विभाग) का पूर्वानुमान है कि इस वर्ष पृथ्वी का तापमान 2°c तक बढ़ सकता है, जो कि अतीत की तुलना में बहुत अधिक है। तो इस तापमान वृद्धि के कारण हिमखंड तेजी से पिघल रहा हैं और समुद्र का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
४. इस स्थिति पर कैसे काबू पाया जा सकता है?
यहां एक और तथ्य सामने आया है, औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि और वाहनों के कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस मैं वृद्धि हो रहा है। जीसके कारण ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्याएं बढ़ रही हैं। इन सभी का एक ही जड़ है पेड़ों की कटाई।
जब हम एक औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण करते हैं तो सबसे पहले हम उस क्षेत्र के सभी पेड़ों को काट देते हैं और जब हम एक सड़क या वाहन परिवहन के लिए कोई पुल बनाते हैं तो पहले हम जंगल को साफ कर देते हैं लेकिन इसे साफ करने के बाद पेड़ नहीं लगाते हैं और यदि हम पेड़ लगाते हैं तो वो पेड़ को बड़ा होने में समय लगेगा, जो समय हमारे पास और नही है।
यदि हम सभी मनुष्य सावधानी से रहें और वृक्षारोपण करें तो इस स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है। जंगल के स्तर बढ़ाएँ ताकि हम इस पृथ्वी पर जीवित रह सकें।
5. क्या यह स्थिति नियंत्रण योग्य है!!!!
हाँ, वर्तमान समय में इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है और हम अपना भविष्य भी बचा सकते हैं, अगर हम अभी से समझदारी से कदम उठाएँ तो।
तो वह स्मार्ट कार्रवाई क्या है?????
वृक्षारोपण करें और भविष्य के सुरक्षित जीवन के लिए सेटअप करें। अगर वर्तमान समय में हम इंसान इस जलवायु परिवर्तन, तापमान वृद्धि, समुद्र स्तर में वृद्धि, (अब वही चीजें) को नहीं रोकते हैं तो, भविष्य में प्रकृति की प्रलयंकारी आपदा की मार झेलने के लिए तैयार हो कर रहें।
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